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Showing posts from December, 2023

जयपुर यात्रा- दूसरा दिन

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  रात में ही तय हो गया था की सुबह सब लोग सात बजे तैयार मिलेंगे लेकिन होटल से निकलते निकलते ही हमें सुबह के 9 बज गये.. हमने आज थोड़ा हैवी नाश्ता किया, आलू पनीर पराठों के साथ दूसरे दिन पेट को सलामी दी गई  और उसके बाद तय कार्यक्रम के मुताबिक़ हम निकल पड़े  सबसे पहले हम पहुँचे जयपुर के  नाहरगढ़ किला, जो अरावली पर्वतमाला के  किनारे पर स्थित है , जहां से से पूरा  जयपुर  शहर दिखता है  । आमेर किले  और  ज यगढ़ किले  के साथ  , नाहरगढ़ ने एक बार शहर के लिए एक मजबूत रक्षा घेरा बनाया था।    किले का मूल नाम  सुदर्शनगढ़  था , लेकिन इसे नाहरगढ़ के नाम से जाना जाने लगा, जिसका अर्थ है बाघों  का निवास '।  लोकप्रिय धारणा यह है कि यहां नाहर का अर्थ नाहर सिंह भोमिया है,  जिसकी आत्मा ने इस स्थान पर निवास किया और किले के निर्माण में बाधा डाली।  नाहर की आत्मा को किले के भीतर उनकी स्मृति में एक मंदिर बनवाकर शांत किया गया, जो इस प्रकार उनके नाम से जाना जाने लगा। किलों के अंदर की नक्काशी और बनावट उस वक्त की कला और संस्कृति की धरोहर है   किले मैं उस वक़्त का एक शीशा भी लगा है लेकिन ऐसा कुछ ख़ास है, इसमें शीशे

जयपुर यात्रा- पहला दिन

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 दिवाली के बाद भैया दूज मनाने के लिए पहली बार बेटी घर में नहीं थी इसलिए हम लोगों ने  उसके इंस्टिट्यूट जाकर त्योहार मनाने का फ़ैसला किया तो हम दिल्ली से निकले और पहुँच गए जयपुर हालाँकि रात में ड्यूटी कर के गया था इसलिए रास्ते में गाड़ी ड्राइव करने में काफ़ी दिक़्क़त आयी ….एक्सप्रेसवे का सफ़र हमेशा आपकी आंखें बंद कर देगा क्योंकि गाड़ी एक रफ़्तार से चलती है करने को कुछ होता नहीं है सुबह 8 बजे घर से निकलें और दोपहर 1 बजे जयपुर पहुँच गया, भैयादूज के त्योहार की औपचारिकताएं पूरी की और उसके बाद इंस्टिट्यूट के रेस्टोरेंट में ही साउथ इंडियन डिशेज़ का लुत्फ़ उठाया।  हम जयपुर 2-3 दिन का प्रोग्राम बनाकर पहुँचे थे इसलिए पहले दिन आस पास के मंदिरों को घूमने का प्लान रखा गया सबसे पहले हम पहुँचे मोती डूंगरी गणेश मंदिर और वहाँ भगवान गणेश के दर्शन किए मोती डूंगरी मंदिर गणपति की बहुत महिमा है कहा जाता है कि जो यहाँ सच्चे मन से भगवान से आशीर्वाद देता है उसके सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.  डूंगरी मंदिर के ठीक सामने हनुमान जी का बहुत प्राचीन मंदिर है. यहाँ भी प्रसाद वग़ैरह चढ़ाकर विधिवत पूजन किया गया और भगव